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मैं जागा
ब्रश किया > पानी पिया > चाय पी रहा हूँ
मैंने “मेरा जीवन” डायरी खोला और अपने जीवन पे काम करना शुरू किया – मेरे (पिछड़े ,आज के और आने वाले )कार्य को लिखा – मेरे विचारों में विविध विचारों को हल करने की कोशिश कर रहा हूं> मेरी इच्छायुक्त भविष्य के जीवन को अपनी कल्पना में बना रहा हूँ > पिछले दिन के जीवन को याद कर खुद में जरुरी सुधार कर रहा हूँ
सदस्यों को आशीर्वाद(आबाद) > इस वेबसाइट पर धोखाधड़ी करने वाले सदस्यों और धोखाधड़ी करने वाले पब्लिक को श्राप(बर्बाद) > न्याय प्रकट (2014 से 2016)
मैं ध्यान नहीं कर पा रहा हूँ > मैंने आज ध्यान और व्यायाम नहीं किया
आज मुझे काम करने की इच्छा नहीं हो रही और मैं काम नहीं करने के लिए कुछ बहाना ढूँढ़ने की कोशिश कर रहा हूं।
स्नान किया > कपड़े पहने> पूजा की
जबरदस्ती मैं काम के लिए बैठा > वेबसाइट का काम कर रहा हूँ
मई 2013 के आसपास – मैं चेतना को समझने की कोशिश कर रहा था
अक्टूबर 2013 के आसपास – मुझे चेतना की अपनी समझ थी और मैंने चेतना बनने का फैसला किया। मैं खुद को चेतना की ओर अग्रसर करने लगा
1 दिसंबर 2014 को – मेरी मानसिक स्थिति टूट गई और मैं चेतना बन गया।
चेतना बन जाने के बाद – मैं खुद शुन्य बन गया और साथ ही मैं हर कुछ बन गया ।
चेतना होने के नाते – मैं अपनी जिंदगी जीने में विफल रहा
मैंने पाया है कि दूसरे मानवीय अवस्था , वह मुझे मेरा काम करने से रोक रहे है। मैंने अन्य मनुष्यों में “सच्चा ज्ञान” की कमी को महसूस किया।
तब मैं शुद्ध चेतना को ठोस चेतना में बदलने लगा
कई दिनों से मैं ठोस चेतना बनने के लिए संघर्ष कर रहा हूं, लेकिन अन्य मानवीय अवस्था जिसे मैंने पहले अपना माना था वह मुझे नहीं छोड़ रहे है
मुझे भारी मानवीय अवस्था महसूस हो रहा है – जो मेरे शरीर / मानसिक स्थिति पर हावी होने की कोशिश कर रहा है। यह इतना तीव्र और मजबूत है कि मेरा शरीर अन्य मानवीय अवस्था के जैसे ही हिल रहा है।
नाश्ता किया
वेबसाइट का काम कर रहा हूँ
खाना खाया
मुझे काम करने की इच्छा नहीं हो रही हैं । मैंने बाहर जाने का निर्णय लिया > मैं सिनेमा हॉल गया और मूवी – TUBELIGHT को फिर से देखा
यह फिल्म ने मेरे “कल्पनाशील भाई” को वास्तविकता में लाया
घर लौटा
फोन पर फेसबुक चलाया
रात का खाना खाया >
सोने के लिए बिस्तर तैयार किया> बिस्तर पर लेटकर थोडी देर फोन पे समय बिताया > सो गया